सिलीगुड़ी (दार्जिलिंग) : गोखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोजमुमो के चल रहे आंदोलन के विरुद्ध मोर्चा खुल गया है। बांग्ला व बांग्लाभाषा बचाओ कमेटी ने 22 अक्टूबर को चौबीस घंटे का उत्तर बंगाल बंद का एलान किया है। इसे लेकर उसने शनिवार दोपहर को सांकेतिक रूप से हिलकार्ट रोड जाम किया। उधर, सीटू ने एलान किया है कि वह 20 अक्टूबर से पहाड़ पर आवश्यक सेवा ठप करायेगी। इसके लिए सभी वाहनों को पहाड़ जाने से रोका जायेगा। इस बीच दार्जिलिंग जिला माकपा की बैठक में गोजमुमो का पहाड़ पर चल रही साइनबोर्ड से बंगाल हटाने व बिना जीएल नंबर वाहनों को नहीं घुसने देने की मुहिम की निंदा की गयी। बैठक में प्रमुख रूप से शामिल मंत्री अशोक नारायण भटृटाचार्य ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति पर मुख्यमंत्री और पार्टी महासचिव से विस्तृत बात की गयी है। वाममोर्चा के अन्य घटक दलों के साथ बैठक कर गोजमुमो के फतवे के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जायेगी। जिला प्रशासन के साथ भी इस मुद्दे पर बैठक की जायेगी। किसी भी पार्टी या संगठन को जिला की शांति व्यवस्था में खलल डालने नहीं दिया जायेगा। माकपा समर्थित सीटू ने पहाड़ पर जबरन समतल के वाहनों पर जीएल लगाने के खिलाफ 20 से ही किसी भी वाहनों को पहाड़ पर नहीं जाने देने की घोषणा की है। ट्रैक्सी चालक एसोसिएशन के सीटू सचिव अजय चक्रवर्ती का कहना है कि सिर्फ पर्यटकों के ही वाहन नहीं, सभी प्रकार की आवश्यक सेवाओं को भी ठप कर दिया जायेगा। पहाड़ पर राशन, तेल, गैस की आपूर्ति भी तबतक नहीं होने दी जायेगी जबतक वाहनों पर जबरन जीएल नंबर लगाना मोर्चा बंद नहीं करेगा। बांग्ला व बांग्लाभाषा बचाओ कमेटी के अध्यक्ष डाक्टर मंजू मजूमदार ने प्रशासन से कहा है कि वे जिले की जनता को बताये कि वह गोर्खालैंड में है या पश्चिम बंगाल में। माकपा के जीवेश सरकार ने कहा कि आमलोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। कहीं भी हिंसक झड़प या अन्य कोई घटना होती है तो इसके लिए एकमात्र दोषी होगा गोजमुमो। गांधीवादी सिद्धांतों पर चलने की बातें करने वाले गोजमुमो नेताओं के फतवे और पहाड़ पर चलाये जा रहे कार्यक्रम हिंसा को जन्म देने वाले हैं।
Saturday, October 18, 2008
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